Thursday, April 7, 2016

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प्रश्न . दौड़ते समय श्वास तेजी से क्यों चलती है?
उत्तर : दौड़ते समय अधिक परिश्रम के कारण ऊर्जा प्राप्ति हेतु अधिक ऑक्सीजन चाहिय होता है इसलिए श्वसन क्रिया तेज हो जाती है।

प्रश्न . क्या कारण है कि शीशे में हम अपने को तो तब ही देख पाते हैं जब इसके ठीक सामने होते हो पर ऐसी और बहुत -सी चीजें जरुर दिख जाती है, जो शीशे के सामने नहीं होती?
उत्तर : कोई भी वस्तु तब दिखाई देती है जब प्रकाश स्रोत से चली प्रकाश की किरणें वस्तु से टकरा कर हमारी आँखों तक पहुँचती है। इसे प्रकाश का परावर्तन कहते है। शीशे में हम अपने आपको तभी देख सकते है जब हमसे चली प्रकाश की किरण शीशे पर लम्बवत कराये।ऐसा तब ही हो सकता है जब हम शीशे के ठीक सामने खड़े हो। परन्तु शीशे के सामने न होने पर भी काफी और सारी वे वस्तुएँ भी दिखाई देती है जिनसे चला हुआ प्रकाश शीशे से टकराने के बाद हमारी आँखों तक पहुँच जाता hai

प्रश्न पदार्थ रंग-बिरंगे क्यों दिखाई देते हैं? उत्तर : जब प्रकाश की किरणें किसी रंगीन वस्तु पर गिरती है तो रंगीन वस्तु उस रंग के प्रकाश को (जिस रंग की वह वस्तु है) छोड़कर सारे रंग का अवशोषण कर लेती है बाकी प्रकाश को परावर्तित कर लेती है। जैसे घास का हरा दिखाई देना। घास हरे रंग के प्रकाश को परावर्तित कर लेती है बाकी प्रकाश को अवशोषित। यही कारण है कि वस्तु जिस रंग के प्रकाश को परावर्तित करती है वही रंग हमें वस्तु का दिखाई देता है।

प्रश्न क्या कारण है कि ग्रेफाइट मुलायम होता है , जबकि हीरा कठोर होता है? उत्तर
उत्तर : ग्रेफाइट की परत संरचना होती है। प्रत्येक कार्बन परमाणु अन्य तीन कार्बन परमाणुओं से जुड़कर षट्कोणिय वलय संरचना बनाते है। ऐसी वलय संरचनायें आपस में मिलकर एक परत संरचना का निर्माण करती है। प्रत्येक कार्बन का चौथा इलेक्ट्रान मुक्त अवस्था में रहता है दो परतों के मध्य आकर्षण बल दुर्बल होने के कारण एक परत दूसरी परत पर आसानी से फिसल सकती है इसलिए ग्रेफाइट नर्म होता है। जब हीरे की संरचना में कार्बन परमाणुओं की त्रिविम चतुष्फलकीय व्यवस्था होती है। प्रत्येक कार्बन परमाणु अन्य चार कार्बन परमाणुओं से एक लबन्ध से जुड़ा रहता है। इस त्रिविमीय संरचना के कारण ही हीरा कठोर होता है।

प्रश्न. क्या कारण है कि तना हमेशा ऊपर की ओर तथा जड़े नीचे की ओर ही बढ़ती है? उत्तर : बीज अंकुरित होने के बाद जड़े निकलती है तथा ऊपर की ओर तना निकलती है। जड़े हमेशा नीचे की ओर ही बढ़ती है क्योंकि एक विशेष बल के खिंचाव से जिस धनात्मक भू-अभिवर्तन कहते है। इसके प्रभाव से जड़े हमेशा नीचे की ओर बहती है उसी तरह से तना सदैव प्रकाश की ओर ही बढ़ेगा क्योंकि ऊपर की ओर एक विशेष बल के खिंचाव से जिस ऋणात्मक भू-अभिवर्तन कहते हैं के कारण ऊपर की ओर बढ़ती है

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